नोबेल पुरस्कार 2020

Click here for करेंट अफेयर्स 6 अक्टूबर 2020

ब्लैक होल और आकाशगंगा से जुड़ी खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला है । रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को इसकी घोषणा की ।

     ब्रिटिश वैज्ञानिक रोजर पेनरोसे को ' ब्लैक होल ' की खोज के लिए तथा जर्मन वैज्ञानिक रीनहार्ड गेजेल और अमेरिकी वैज्ञानिक पंड्रिया घेज को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ' सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट ' की खोज के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा । बता दें कि तारकीय अवशेषों , श्वेत वामन तारों न्यूट्रॉन तारों और ब्लैक होल जैसी चीजों को' कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट ' कहा जाता है ।  

        एकेडमी के महासचिव गोरान के.हंसोन ने कहा , रोजर पेनरोसे ने पता लगाया कि ब्लैक होल की उत्पत्ति सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत संबंधी एक मजबूत प्रमाण है । पेनरोसे ने गणितीय आधार पर साबित किया कि ब्लैक होल की उत्पत्ति संभव है और यह पूरी तरह अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के 

सामान्य सिद्धांत पर आधारित है । वहीं , गेंजेल और घेज ने हमारी आकाशगंगा के धूल से घिरे केंद्र को देखा जहां कुछ अद्भुत घटना हो रही थी । अनेक तारे किसी ऐसी चीज की परिक्रमा कर रहे थे जो अब तक उन्होंने नहीं देखी । यह एक ब्लैक होल था ।



ब्लैक होल खगोल विज्ञान में सर्वाधिक रहस्यमयी और शक्तिशाली चीज 

ब्लैक होल खगोल विज्ञान में संभवतः सर्वाधिक रहस्यमयी और शक्तिशाली चीज हैं जिनके गुरुत्वाकर्षण दायरे में आई कोई भी चीज , यहां तक कि प्रकाश भी इनसे बचकर बाहर नहीं निकल सकता।ये सभी आकाशगंगाओं के केंद्र में होते हैं । नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा , आइंस्टीन को खुद यह विश्वास नहीं था कि ब्लैक होल वास्तव में होते हैं , जिनकी जद से कोई भी चीज बाहर नहीं जा सकती ।

स्टीफन हाँकिंग को नही मिला नोबेल पुरस्कार  

स्टीफन हॉकिंग को श्रेय नहीं मिलना दुखद ब्रिटेन के खगोल विज्ञानी मार्टिन रीस ने कहा , पेनरोसे ने 1960 के दशक में सापेक्षता के अध्ययन में एक नए युग की शुरुआत की , युवा स्टीफन हॉकिंग के साथ उन्होंने बिग बैंग और ब्लैक होल से संबंधित साक्ष्य को मजबूत करने में मदद की । उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि पुरस्कार के जरिए हॉकिंग को संबंधित काम का श्रेय नहीं मिला । हॉकिंग का 2018 में निधन हो गया और नोबेल केवल जीवित वैज्ञानिकों को मिलता है ।



खोज से जीवों के डीएनए को बदला जाना संभव

नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की कड़ी में बुधवारको रसायन विज्ञान के क्षेत्र में भी इस साल के पुरस्कारविजेताओं के नामों का ऐलान हो गया है । रसायन का नोबेल ' जीनोम एडिटिंग ' का तरीका खोजने वाली दो महिला वैज्ञानिकों - फ्रांस की प्रोफेसरइमैनुएल शारपेंटियर , अमेरिकी विज्ञानी जेनीफर डॉडना को दिया है । स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेजने इस प्रतिष्ठित पुरस्कारकी घोषणा की । नोबेल पुरस्कार चयन समिति ने बताया कि 2012 में शारपेंटियर और डॉडना ने सीआरआईएसपीआर / सीएएस -9 जेनेटिक कैंचियों की खोज की थी । इसके बाद जीनोम एडिटिंग पद्धति बड़े स्तरपर अपनाए जाने लगी । इनकी खोज से जीव विज्ञान लाइफ साइंस एक नया मुकाम मिला । शारपेंटियर बर्लिन स्थित मैक्स प्लांक यूनिट फॉर साइंस ऑफ पेथोजंस की डायरेक्टर हैं । डॉडना यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया मे कार्यरत हैं ।  

        नोबेल समिति का मानना है कि इनकी खोज से मानवता का बहुत भला हुआ है । जीवों के डीएनए को बदला जाना संभव हो पाया है । नई तकनीक के कारण कैंसरऔर आनुवांशिक रोगों का उपचार में महत्वपूर्ण मदद मिली है नोबेल पुरस्कार में स्वर्ण पदक औरएक करोड़ स्वीडिश क्रोनोर यानी करीब 8.19 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है ।



नोबेल पुरस्कार :  क्या है?  


नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडेन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल ने 1901 ई ० में की थी अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल का जन्म 1833 ई ० में स्वीडेन के शहर स्टॉकहोम में हुआ था 9 वर्ष की उम्र में वे अपने परिवार के साथ रूस चले गये । अल्फ्रेड नोबेल एक अविवाहित स्वीडिश वैज्ञानिक और केमिकल इंजीनियर थे , जिसने 1867 ई ० में डायनामाइट की खोज की । स्वीडिश लोगों को 1896 में उनकी मृत्यु के बाद ही पुरस्कारों के बारे में पता चला जब उन्होंने उनकी वसीयत पढ़ी जिसमें उन्होंने अपने धन से मिलने वाली सारी वार्षिक आय पुरस्कारों की मदद करने में दान कर दी थी । अपनी वसीयत में उन्होंने आदेश दिया था कि " सबसे योग्य व्यक्ति चाहे वह स्केडीनेवियन हो या न हो पुरस्कार प्राप्त करेगा । " उनके द्वारा छोड़े गये धन पर मिलने वाला व्याज उन व्यक्तियों के बीच वार्षिक रूप से बाँटा जायेगा , जिन्होंने विज्ञान , साहित्य , शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है । विश्व के 58,960,000 अमेरिकी डॉलर सबसे अधिक गौरवशाली पुरस्कार को नोबेल फाउंडेशन द्वारा मदद प्रदान की जाती है ।  


नोट : पहले नोबेल पुरस्कार पाँच विषयों में कार्य के लिए दिये जाते थे । अर्थशास्त्र के लिए पुरस्कार स्वेरिजेश रिक्स बैंक , स्वीडिश बैंक द्वारा अपनी 300 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 1967 में आरंभ किया गया और इसे 1969 में पहली बार प्रदान किया गया । इसे अर्थशास्त्र में नोबेल स्मृति पुरस्कार भी कहा जाता है । 


> पुरस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा करते हैं लेकिन पुरस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य तिथि 10 दिसम्बर को किया जाता है ।

   

प्रत्येक पुरस्कार में एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को पुरस्कार दिया जा सकता है । इनमें से प्रत येक विजेता को एक स्वर्ण पदक , डिप्लोमा , स्वीडिश नागरिकता में एक्सटेंशन और धन दिया जाता है । 

अगर एक पुरस्कार में दो विजेता हैं , तो धन राशि दोनों में समान रूप से बाँट दी जाती है पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की संख्या अगर तीन है तो चयन समिति के पास यह अधिकार होता है कि वह धनराशि को तीनों में बराबर बाँट दे एक को आधा दे दे और बाकी दो को बचा धन बराबर बाँट दे ।  


अब तक केवल दो बार मृत व्यक्तियों को यह पुरस्कार दिया गया है पहली बार एरि एक्सेल कार्लफल्डट को 1931 ई ० में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव डैग हैमरसोल्ड को 1961 ई ० में ।

  1974 में नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जायेगा । 


इंटरनेशनल कमेटी आफ रेड क्रॉस को शान्ति का नोबेल पुरस्कार 3 वार दिया गया है -1917 1944 एवं 1963 में । 


सर विलियम हेनरी ब्रैग ने अपने बेटे विलियम एल ब्रैग के साथ भौतिकी का नोबेल पुरस्कार 1980 में प्राप्त किया । सबसे 


कम उम्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पुरुष लरिन्स ब्रैग ( 25 वर्ष ) एवं महिला मलाला युसुफ जई ( 17 वर्ष ) । 

सबसे अधिक उम्र में लियोनिद हरक्विज ने अर्थशास्त्र का नोवेल पुरस्कार दिया गया है । उनकी उम्र उस समय 90 वर्ष थी ।

     द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 1940 से 1942 तक नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया ।