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हुनर के बलबुते उभरते देश के नये अरबपति

 देश में हेल्थकेयर , रिटेल और टेक्नोलॉजी क्षेत्र के तेज विस्तार से नए अरबपतियों की पौध तैयार हो रही है सबसे बड़ी बात कि अब विरासत नहीं बल्कि हुनर की फैक्ट्री में अरबपतियों की नई पीढ़ी तैयार हो रही है । इस साल महज छह माह में मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की संपत्तिदोगुना से ज्यादा बढ़ी है ऐसे में लोग यह सोचने लगे कि देश के अरबपतियों कि ज्यादातरऐसे ही तीन - चारगिने लोगों के हाथ में होगी लेकिन मिंट बिलिनेयर की रिपोर्ट मिले आंकड़े बेहद चौकाने वाले हैं इसके अपने हुनर के दम पर अरबपति बने लोगों की संपत्ति जहां बढ़ रही है । वहीं विरासत वाले लोगों का दबदबा अरबपतियों की सूची में घट रहा है । 

Ambani


विरासत का घट रहा दम :

 वर्ष 2000 में देश के कुल अरबपतियों की संपत्ति में 61 फीसदी हिस्सेदारी सिर्फ तीन अरबपतियों की थी । इसमें मुकेश अंबानी , राधाकृष्ण दमानी और शिव नाडर शामिल थे । वर्ष 2020 में इनकी आभूषण कुल हिस्सेदारी घटकर महज 20 फीसदी रह गई । वहीं शीर्ष पांच अरबपतियों की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी घटकर 26 फीसदी रह गई ।


 हुनरसे विरासतकोचुनौती :

कड़ों के मुताबिक अपने दम पर अरबपति बनने वालों ने सिर्फ 8 साल में विरासत वाले अरबपतियों की कड़ी टक्करदी है मौजूदा समय में देश के कुल 102 अरबपतियों की संपत्ति में 50 फीसदी हिस्सेदारी अपने दम पर दौलतमंद बने लोगों की है । इनकी कुल संपत्ति 164 अरब डॉलर के करीब है । इसमें से ज्यादातर हेल्थकेयर और टेक्नोलॉजी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं ।

 



अधिक उम्र वालों का दबदवाः

आंकड़ों के मुताबिक भारत के अरबपतियों में अभी भी उम्रदराज अरबपतियों का दबदबा है । भारत में अरबपतियों की औसत उम्र 60 वर्ष के करीब है । जबकि चीन और अमेरिका में युवा अरबपतियों का दबदबा है । आंकड़ों के मुताबिक चीन के अरवपतियों में ज्यादातर 45 से 60 वर्ष की उम्र बीच हैं । हालांकि , उम्मीद की जा रही है कि टेक्नोलॉजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ने से भारत में भी युवा अरबपतियों का दबदबा बढ़ेगा ।




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